भाषा व्यवहार
भाषा हमारे जीवन का मूल आधार है। भाषा का माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को एक दूसरे के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। भाषा को लेकर बहुत से आग्रह लोगों के मन में देखने को मिलते हैं, भारत एक बहुभाषी देश है । विविधता में एकता हमारे संस्कृति और सभ्यता प्राण तत्व है और यही वह सूत्र है जिसके द्वारा हम सदियों से अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। वर्तमान समय में भाषा को लेकर लोगों के मन में बहुत ह भ्रांतियां हैं। भाषाई कुलीनता ने हमारे भाषिक और सामाजिक ताने-बाने को बहुत हद तक प्रभावित किया है। भाषिक कुलीनता कोई नई बात नहीं है, समाज में कुछ लोग अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए कुलीन भाषाओं का प्रयोग करते हैं, लेकिन यहां यह समझना आवश्यक होगा कि भाषा जब भी कुलीनता के दायरे में बंधी है तो तो वहां उसकी गति प्रभावित हुई है भाषा की प्रकृति ही प्रभावमान है। भाषा के बारे में कुछ बुनियादी बातें हैं,जो निम्नलिखित है-. 1. भाषा विचार विनिमय का साधन है। 2. भाषा अर्जित संपत्ति है हम समाज में रहकर भाषा सीखते हैं और व्यवहार करते हैं। 3. भाषा की प्रकृति निरंतर परिवर्तनशील ह