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अनुकरण सिद्धांत: अरस्तू

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अरस्तू (384 321 ई० पू०) प्लेटो के विख्यात शिष्य थे ऐसा विश्वास किया जाता है कि उन्होंने लगभग छह प्रबन्धों की रचना की, जिनमें से काव्यशास्त्र (Poetics) और अलकार शास्त्र (Rhetoric) ही आज अस्तित्व में हैं। काव्यशास्त्र का सम्बन्ध साहित्य-रचना सिद्धान्तों से है तथा अलंकारशास्त्र का वाग्मिता से| उनके काव्यशास्त्र ने अध्येताओं को अधिक आकृष्ट किया है। अरस्तू ने काव्यशास्त्र को प्रकृति और उद्देश्य के बारे में अध्येताओं को संदेह में को रखा है। काव्यशास्त्र का उद्देश्य उत्तम काव्य-रचना सम्बन्धी सिद्धान्तों का निरूपण उसकी प्रकृति पूर्णतः विश्लेषणात्मक और वैज्ञानिक है। काव्यशास्त्र में काव्य सिद्धान्तों का निरूपण मात्र ही नहीं है, वरन् उसमें प्रतिपादित निष्कर्ष तत्कालीन  ग्रीक साहित्य में गहराई में बद्धमूल है। उन निष्कर्षों का स्पष्टीकरण भी ग्रीक साहित्य उद्धरणों से हो किया गया है। अनुकरण सिद्धान्त (Theory of Mimesis) ग्रीक शब्द'(Mimesis) का अंग्रेजी अनुवाद 'इमिटेशन' (Imitation) तथा अंग्रेजी के माध्यम से हिन्दी अनुवाद' अनुकृति' अथवा 'अनुकरण' किया गया है। वस्तुत: 'मि