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अभिव्यंजनावाद: बेनेदेतो क्रोचे (Benedetto Croce -25 Feb 1866 to 20 Nov 1952)

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  पाश्चात्य साहित्य चिन्तन के आधुनिक विचारकों में क्रोचे का विशेष महत्व है , इसने साहित्य , कला , इतिहास , और दर्शन जगत को अपने विचारों से प्रभावित किया । प्रख्यात इटालियन दार्शनिक क्रोचे की सर्वाधिक ख्यातिलब्ध रचना फिलोसोफी ऑफ़ स्पिरिट ( Philosophy of the Sprit ) है । जिसके चार खंड हैं –एस्थेटिक्स ,लॉजिक, फिलोसोफी ऑफ़ कंडक्ट, थ्योरी एंड हिस्ट्री ऑफ़ हिस्टोरियोग्राफ़ी ।                1. Aesthetics   ( एस्थैटिक्स)    2.  Logic (लॉजिक)          3.   Philosophy of Conduct (फिलोसोफी ऑफ़ कंडक्ट) 4. Theory and History of Historiography (थ्योरी एंड हिस्ट्री ऑफ़ हिस्टोरीयोग्राफी)   क्रोचे ने साहित्यशास्त्र को बहुचर्चित सिद्धांत दिया, जिसे हम अभिव्यंजनावाद के नाम से जाना जाता है । यह एक ऐसा सिद्धांत है ,जिसने साहित्य के साथ-साथ कला एवं संगीत को भी प्रभावित किया । क्रोचे महान साहित्यशास्त्री और दर्शनशास्त्री था ,जिसने अपने विचारों से जीवन-जगत से जुड़े चिन्तन को व्यापक रूप से प्रभावित किया है । अभिव्यंजनावाद ( Expressionism)   की स्थापना क्रोचे ने अपने बहुचर्चित ग्रन्थ फिलोसोफी ऑफ़ स्पिरिट