लिपि की परिभाषा और महत्त्व, देवनागरी लिपि (Definition & Importance of Script :Devnagari )
इस ब्लॉग को पढ़ कर आप निम्नलिखित तथ्यों से अवगत होंगे - 1. लिपि की परिभाषा 2. भाषा को दीर्घजीवी बनाने में लिपि का महत्व 3. देवनागरी लिपि के विविध पक्ष लिपि की परिभाषा और महत्त्व भाषा के लिखित प्रतीकों की व्यवस्था लिपि कहलाती है। लिपि किसी भाषा की लगभग सभी ध्वनियों को प्रतीकरूप में प्रस्तुत करती है। इसके माध्यम से भाषा के सन्देशों को स्थायित्व मिलता है और लोग एक दूसरे के साक्षात् सम्पर्क में आए बिना सन्देशों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। प्राचीन भाषाओं के लिपि चिह्नों को चित्रों के रूप में बनाया जाता था , लेकिन इस विधि से सभी सन्देशों को पूरी तरह से व्यक्त नहीं किया जा सकता। इसलिए लिपि में मौखिक भाषा की ध्वनियों को संकेतबद्ध किया जाता है। इन ध्वनि संकेतों को ही उस भाषा की लिपि कहा जाता है। इन विशेषताओं के आधार पर लिपि को अनेक प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है- 1. . लिपि लिखित संकेतों की व्यवस्था है जिसमें मौखिक भाषा की ध्वनियों को व्यक्त किया जाता है। 2. ... मौखिक भाषा की ध्वनियों को लिखित रूप में प्रस्तुत करने वाली व्यवस्था लिपि कहलाती है। कोई भी भाषा मू