1. असाध्यवीणा के कथ्य पर प्रकाश डालिए।
1. असाध्यवीणा के कथ्य पर प्रकाश डालिए। उत्तरः- असाध्यवीणा अज्ञेय द्वारा रचित पहली लम्बी कविता है। जो जापानी कथा पर आधारिता कथात्मक कविता है। असाधवीणा में अज्ञेय एक ऐसे विषय वस्तु को करते हैं जिसमें रहस्यवाद ओर अंह के विसर्जन संदेश देखने को मिलता है। कविता का आरम्भ में प्रियबंद केश कम्बकी राजा के दरबार में आते है। राजा इनका अपने यहां स्वागत करते हैं और उन्हें वीणा के बारे में बताते हैं। राजा कहते हैं कि यह वीणा उत्तराखण्ड के गिरि प्रान्तर से बहुत समय पहले आयी थी। आगे राजा बताते हैं कि इसका पूरा इतिहास तो हमें पता है लेकिन इतना सुना है कि वज्रकीर्ति ने इसे गढ़ा था- किन्तु सुना है बज्रकीर्ति ने मत्रपूत जिस अति प्राचीन किरीटी तरू से इसे गढ़ा था- आगे राजा प्राचीन किरीटी तरू को विशेषताओं को बताते हैं कि उसे कानों में हिम शिखर अपने रहस्य कहा करते थे हिमबर्षा से बचा लेते थे और उसके कोटर में भालू बसते थे ओर उसकी जड़ पाताल लोक तक जा पहुॅंची थी और उसके गन्ध और शीतलता से फन टीका का बासुकि नाग सोता था बज्रकीर्ति ने सारा जीवन इस वृक्ष से वीणा की निर्माण किया। और वीणा पूरी होते ही उसकी जीवन लीला