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Showing posts from July, 2025

आगाज़ प्रेम का: प्रीति

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  एक लड़की अपने काॅलेज बैग का चेन खोलकर कुछ खोजती हुई आगे बढ़ रही थी। कुछ कुछ बड़बड़ाते हुए बिना इधर उधर देखे बस जल्दी जल्दी भाग रही थी।सब कुछ तो समझ ना आया बस इतनी समझ आई-हद है आठ बज गए हैं और इस शहर में कोई दुकान भी नही खुला।और मैं भी इतनी बेवकूफ हूॅं ना ब्लैक पेन लाई ना ही स्टेपलर। बड़बड़ाते हुए थे आगे बढ़ते हुए एक लड़के से टकरा गई।सौरी भैया बिना उसकी तरफ देखे ही बोल कर आगे बढ़ने लगी।लड़का बोला मेरे पास है स्टेपलर और ब्लैक पेन भी।लड़की तो खुश हो गई। बिल्कुल खिल गई किसी फूल की तरह।जल्दी जल्दी फाॅम भरकर,स्टेपल करके सारे डाॅक्युमेंटस जमा करने के लिए क्लर्क रूम की तरफ भागी।फाॅम जमा कर बाहर निकली,लड़का सामने ही खड़ा दिखा।लड़की मुस्कुराते हुए फिर से बोली-थैंक्स भैया आपने बड़ी मदद की।लड़का बड़ी तेजी से लड़की की हाथ से अपना पेन छीनते हुए बोला- भैया होगा तेरा बाॅयफ्रेंड।मेरा नाम निखिल है और तुम्हारा सिनियर हूॅं,समझी?और तेजी से जाने लगा,बड़ी आई भैया वाली।लड़की को हंसी आ गई।वो जोर से बोली - ऐ बंदर सुन मेरा कोई बाॅयफ्रेंड नही है।और मेरा भैया बनने लायक तेरी शकल भी नही है समझे?दोनो हलकी हंसी ...

मौन सांझ.:सारिका

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किनारें पर मैं,  किनारों पर तुम, और बहती - ये नदी बीच में मौन, /गहरा मौन और धड़कती साँसें,  हवाएँ बयां कर रही कुछ, लहरें सुन रही कुछ, और वक़्त का ये झोंका/ गहरी नींद में सो गया।  तुम चुप- मैं चुप और बोल रही ये नयनें  दोनों की, गहरे-गहरे समुद्र सी जिसमें खो गए हम। नदी का प्रवाह और  धुँधली सी शाम, और बस, एक तुम, एक मैं और हमारा ये प्रेम  फिर से वही, मैं फिर से वही, तुम और ठहरा हुआ  मौन जो कभी ख़त्म ना होगा अनन्त काल तक ।  ✍️

तेरा साथ:सारिका साहू

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  तुम बिन जग सूना तुम हो तो हर पल अनमोल, तुमसे ही जीवन में रस घोल। जग अपना सा लगता है तब, बिन तुम सब लागे सपना सब। तुम्हारा हर रूप प्यारा रूठना तेरा, तेरा अपनापन, सब लगता है मुझको निज धन। तुम्हारा होना, मेरे हमदम, सच में रखता बहुत बड़ा दम। परिस्थितियाँ बदलें भले परिस्थिति का हो जो भी हाल, बदलें गर अपने भी चाल। आत्मिक रिश्ता अटल रहेगा, यह भाव कभी न छलेगा। तेरे सम्मान को तुम्हें आघात न पहुँचे कोई, अहंकार से भी लड़ जाऊँगी मैं वही। तुम्हारा महत्त्व है मुझको अपार, तुम्हारे लिए सब कुछ स्वीकार। खट्टी-मीठी तकरार छोटी बातों में उलझेंगे कभी, झगड़ा होगा, सुलझेगा तभी। तेरा रूठना, मेरा मनाना, है जीवन का मीठा फ़साना। हर पल तुम्हारा साथ तुम्हारा साथ, तेरी बातें अनमोल, तुम हो हमक़दम, हमजोली। हर रूप में तुम साथ जो हो, हर पल मेरा अर्थवान हो।  ✍️