एक चर्चित चेहरा : सारिका नारायण

 


एक चर्चित चेहरा!!!

उस भीड़ में एक चर्चित चेहरा,

निसंदेह: वो कल था मेरा, 

उसके रहने से, 

सब कुछ भरा था मेरा, 

उसकी खुशबु से, 

मन महकता था मेरा , 

उसके साथ होने से रिश्ता था हमारा 

दुःख, भय का 

नहीं था कोई पहरा 

खुशी, मुस्कुराहटों का था अंबार लगा, 

वो खुला आसमान था 

आश्रय था मेरा, 

कितना सुखद अहसास था  

हमारा था भीड़ में एक चर्चित चेहरा 

पूर्ण विश्वास था हमारा

वो सब कुछ था 

पर है बहुत कुछ अब भी 

यादों में।

Comments

Popular posts from this blog

अज्ञेय की काव्यगत विशेषताएँ

सूर्यकान्त त्रिपाठी "निराला": काव्यगत विशेषताएं

असाध्य वीणा कविता की काव्यगत विशेषता.