भावी राजनीति

 2014 के बाद जिस तरह से भारतीय राजनीति में नरेंद्र दामोदर मोदी का व्यक्तित्व एवं कद बढ़ा है, उसने एक नये तरह के राजनीतिक नरेटीव बनता जा रहा है। मोदी की गारंटी ने बहुत से लोगों के राजनीतिक ग्राफ को ऊपर उठ गया और बहुत से लोगों के राजनीति को हसिये पर पहुँचा दिया । 2024 का चुनाव परिणाम भारतीय राजनीति में आने वाले बहुत बडे़ गैप की संकेत दे रहा है। अब तक भारतीय जनता पार्टी में यह परम्परा चल पड़ी है कि मोदी और योगी के नाम पर कोई भी चुनाव जीत जा सकता है और यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं की उपेक्षा देखने को मिल रहा है। नि:सन्देह यह भारतीय जनता पार्टी का सर्वश्रेष्ठ समय था जो अब धीरे -धीरे खत्म हो रहा है। अब पार्टी को अपने काडर पर फोकस करना चाहिए। 

भारतीय रजनीति अब एक ऐसे दौर में पहुंचाने जा रही है जहां से अस्थाईत्व का दौर आरम्भ होगा ।क्योंकि भारतीय जनता पार्टी में भी अब वह करिश्माई व्यक्तित्व नहीं रह जाएगा जिसके सहारे भारतीय जनमानस को एकजुट किया जा सके । अब किसी व्यक्तित्व के सहारे नहीं वरन् अपने काम और समर्थन को प्राथमिकता देना होगा। अगर जनप्रतिनिधि अहंकार के भाव से बाहर नहीं आये तो आने वाले समय भारतीय राजनीति के लिए भयावह होने वाले है ं। 


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