Posts

Showing posts from April, 2025

छोड़ना था मुझे एक ही इंसान को : प्रीति

Image
 छोड़ना था मुझे  एक ही इंसान को और छोड़ना था  एक शहर एक गली जहां से गुजरते हुए  बहने लगतीं थी मेरी आंखें  भूल जाना था मुझे  एक ही इंसान की बेवफाई  किसी की बेहयाई  और बढ़ जाना था मुझे आगे चले जाना था मुझे दूर बहुत दूर  बस एक ही इंसान से चली थी मैं दूर बहुत दूर  उस शहर से उस गली से उस इंसान से पर फिर भी वो मुझसे ही रहा बस थोड़ा सा  बहुत थोड़ा सा और चुभता रहा  एक छोटा टुकड़ा उसकी यादों का मेरे दिल में  ना जाने क्यों वो मुझ मे से पूरा नही गया  चुभता ही रहता है वो अब तलक जो एक टुकड़ा रह गया  मुझमें थोड़ा सा जी चाहे निकाल फेंकूं  मै खुद से उसको या कि निकाल ही दूं  दिल अपना छोड़ना था एक इंसान को अब तो दिल छोड़ना होगा छोड़ना था मुझे  एक ही इंसान को बस एक ही इंसान को। # बस यूं ही

मैं लिखूंगी मेरा एक ख़्वाब:सारिका साहू

Image
 अदृश्य पर अंकित अनुराग मैं लिखूंगी मेरा एक ख़्वाब, जिसकी हक़ीक़त तुम रहोगे जनाब। उन सूखे दरखास्त हुए दरख़्त पर, मैं लिखूंगी मेरी एक खास बात। अनदेखी हवाओं की तपती लहर पर, मैं लिखूंगी अपना वो अथक प्रयास। उस तीव्र  सूरज  की रश्मि पर, मैं लिखूंगी  तुम्हें प्राप्त करने का परिश्रम। उस वन की  उठती दावानल की तेज लौ पर, मैं लिखूंगी विरह में जलती मेरी तपिश। रेगिस्तान की गर्म रेतीली ज़मीन पर, मैं लिखूंगी कई बार तुम्हारा नाम। बंजर धरती की जर्जर मिट्टी पर, मैं लिखूंगी  तड़पन की दरार। प्रकृति की हर चुभती नेमतों  पर, मैं लिखूंगी तुम्हें और पूछूंगी, क्या तुम एक हक़ीक़त हो या ख़्वाब। सारिका साहू

बेकार बातें

Image
 गम एक ही होता है पर बार बार दुख देता है।तब तक दुख देता है जब तक दुसरा दुख ना आ जाए।दुख से आंखे फेर सकते हैं,थोड़ी देर के लिए खुश हुआ जा सकता है। अगर याद कमजोर हो तो गम को भुलाया जा सकता है। याद कमजोर हो इसके लिए जरूरी है कि प्यार भर लिया जाए दिल में। प्यार कोई और देगा ये तो किस्मत की बात है पर खुद के लिए प्यार पैदा करना, खुद के प्यार में डूब जाने को जीवन जीना कहते हैं।जिंदा तो सभी दिखते हैं पर जिंदा कोई ही होता है,जिन्हे गम बार बार रुला नही पाता। (बेकार बातें) प्रीति

तुम्हारा एक नाम

Image
 तुम्हारा एक नाम  सुकून होना चाहिए  तुम्हें देखकर  तुम्हें सुनकर तुम्हें गुनकर सोचकर  मन में अजीब सी  सिहरन और सुकून  भर आता है। सिर से पांव तक  प्रतिमान हो तुम  सुकून का पैमाना  हो तुम ... रग-रग में और  सांसों में तुम्हारी  खुशबू रच-बस  गई हो ।