बेकार बातें

 गम एक ही होता है पर बार बार दुख देता है।तब तक दुख देता है जब तक दुसरा दुख ना आ जाए।दुख से आंखे फेर सकते हैं,थोड़ी देर के लिए खुश हुआ जा सकता है। अगर याद कमजोर हो तो गम को भुलाया जा सकता है। याद कमजोर हो इसके लिए जरूरी है कि प्यार भर लिया जाए दिल में। प्यार कोई और देगा ये तो किस्मत की बात है पर खुद के लिए प्यार पैदा करना, खुद के प्यार में डूब जाने को जीवन जीना कहते हैं।जिंदा तो सभी दिखते हैं पर जिंदा कोई ही होता है,जिन्हे गम बार बार रुला नही पाता।

(बेकार बातें)

प्रीति



Comments

  1. धन्यवाद अमरिंदर जी आपका🙏🙏

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

असाध्य वीणा कविता की काव्यगत विशेषता.

अज्ञेय की काव्यगत विशेषताएँ

तलाकनामा