एक मुलाकात: सारिका साहू

 


एक मुलाकात 

उसने चंद सवाल कर, सब कुछ जान लिया ।

हमारी पसंद को, खुद की इच्छा मान लिया।।

देकर मान सम्मान हमको अपना लिया।।

हमने भी अपना अनकहा अंदाज बयां किया।।

धीर थामे ये बातों का सिलसिला शुरू किया।

बातों ही बातों में एक दूसरे को पहचान लिया।।

मन की आंखों से तुमको अपना मान लिया।

एक नवीन रिशते का स्तंभ स्थापित किया।।

कदम दर कदम साथ चलने का वादा किया।

मंजिल तक साथ पहुंचने का आश्वासन दिया।।

दुखों के बादल छांट, काली घटा को मिटा दिया।

सुखों के सुमन से मेरा दामन सराबोर कर दिया।।

जीवन के तम को सदा के लिए अंत कर दिया।

हिय भीतर नवल प्रभात का आगमन कर दिया।।

जीवन में पुनः मुस्कुराहट का इंद्रधनुष गड़ दिया।

 वंचित रही उन खुशियों से भी

 अधिक दे दिया।।

Comments

  1. बहुत बहुत आभार सका

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

अज्ञेय की काव्यगत विशेषताएँ

सूर्यकान्त त्रिपाठी "निराला": काव्यगत विशेषताएं

असाध्य वीणा कविता की काव्यगत विशेषता.