हिन्दी आलोचना का इतिहास (History of HIndi Criticism )

 


हिन्दी के प्रमुख आलोचक -

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, पद्म सिंह शर्मा, महावीर प्रसाद द्विवेदी, राम चन्द्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, नागेन्द्र, नन्द दुलारे बाजपेयी, अज्ञेय

भारतेन्दु युगीन हिन्दी आलोचना-

वर्णनात्मक आलोचना 

तुलनात्मक आलोचना

व्याख्यात्मक आलोचना 

द्विवेदी युगीन  हिन्दी आलोचना-

तुलनात्मक आलोचना 

विवेचन परक आलोचना

व्याख्यात्मक आलोचना

शुक्ल युगीन हिन्दी आलोचना- 

विश्लेषण परक आलोचना

विवेचन परक आलोचना 

इस युग में आलोचना का प्रौढ और व्यवस्थित रुप देखने को मिलता है, आचार्य रामचन्द्र ने हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखकर हिन्दी आलोचना को नयी दिशा प्रदान की|इसके साथ ही हिन्दी आलोचना में  नई परम्परा चल पडी . इनके प्रमुख आलोचनात्मक ग्रंथ हैं -

त्रिवेणी, हिन्दी साहित्य का इतिहास, भ्रमरगीत सार की भूमिका, विश्व प्रपंच, चिन्तामणि में संकलित आलोचनात्मक निबंध. 

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