ब्लाग लेखन

 ब्लाग- पॉडकास्ट


ब्लागः- आधुनिक समय में संचार क्रान्ति के साथ-साथ लेखन जगत के क्षेत्र में भी नित नयापन देखने को मिलता है। इसी नयेपन के साथ-साथ हम अपने विचारों को आसानी से लोगों तक पहुँचाने में समर्थ हो रहे हैं। ब्लाग लेखन भी इसी तरह एक वर्वचुअल प्लेटफार्म हैं, जिसके माध्यम से हम न केवल अपने विचारों को लोगों तक सम्प्रेषित कर सकने में सक्षम होगें वरन् उसके माध्यम से ख्याति अर्जित करते हुए अर्थाजन भी कर सकेंगें।

ब्लाग लेखन संचार क्रान्ति का एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो वर्तमान समय में सृजनात्मकता को एक नये रूप में प्रस्तुत कर रहा है। ब्लागिंग अपने आरम्भिक समय में अंग्रेजी माध्यम में ही उपलब्ध थी, लेकिन एक भाषा के रूप में हिन्दी का विस्तार जीवन के सभी क्षेत्रों में होने के साथ ही हिन्दी भाषा का प्रयोग लगभग सभी संचार के माध्यमों मे आसानी से किया जा रहा है। हिन्दी भाषा तकनीकी रूप से इतनी सक्षम हो चुकी है कि यह कहीं भी बोली लिखी, पढ़ी एवं समझी जा सकती है। 

यूनिकोड़, मंगल, गूगल इंडिक के आ जाने से कम्प्यूटर, लैपटाप, टैबलेट और मोबाइल में भी हिन्दी आसानी से लिखी जा रही है। इसी कारण अब हिन्दी में भी ब्लागिंग सर्वसुलभ हो गयी है। 

उत्तर आधुनिक समय में सूचना संचार क्रान्ति के परिणामस्वरूप बहुत कुछ ऐसा भी लिखा पढ़ा एवं सुना जा रहा है, जिसमें रियल और फेक की गुंजाइस बनी हुई है। लोगों तक सही और तथ्यपरक ढंग से सूचना एवं ज्ञान के सम्प्रेषण के लिए ब्लागिंग एक सर्वोत्तम विकल्प है, जिसके माध्यम से हम अपनी बातों को प्रमाणिक ढंग से लोगों के समक्ष रख सकने में सक्षम होंगे। आज की हिन्दी अपने तकनीकी विकास में बहुत आगे निकल चुकी है। ब्लागिंग संचार प्रसार के माध्यमों वह साधन है, जिसके द्वारा हम अपने अनुभवों, मौलिक विचारों और अपने आस-पास के जीवन की बहुत सी बातों को संजोते हैं और इसके साथ-साथ जीवन के संगीत को भी ध्वनित कर सकते हैं। अध्ययन की सुविधा के लिए ब्लाग को निम्नलिखित वर्गोें में विभाजित करके देख सकते हैं-

1. सांस्कृतिक ब्लाग 

2. आध्यात्मिक ब्लाग

3. साहित्यिक ब्लाग 

4. सामाजिक ब्लाग

5. यात्रा ब्लाग 

6. आदिवासी जीवन से संबंधित ब्लाग

7. भाषा ब्लाग

8. साक्षात्कार ब्लाग

9. संस्मरण ब्लाग

10. पर्यावरण चेतना से संबंधित ब्लाग

11. स्वास्थ्य ब्लाग

इसके अलावा भी वैविध्यपूर्ण जीवन के अन्य क्षेत्रों से सम्बन्धित ब्लाग लिखे जा सकते हैं।


ब्लाग लेखन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी होता है कि इसमें चित्र, आडियों और विडियों को भी शामिल करके और भी सम्प्रेषणीय बना सकते हैं।

ब्लाग लेखन में भाषा एक महत्वपूर्ण अवयव है भाषिक सहजता और प्रवाह ब्लाग के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हमारे ब्लाग की भाषा विषयानुकूल और प्रचलित भाषा के अनुरूप होगी तो ब्लाग अधिक से अधिक लोगों द्वारा पढ़ा और समझा जायेगा, जिससे हम ब्लागिंग के माध्यम से ख्याति और अर्थ अर्जित कर सकेंगे। ब्लाग लिखते समय ब्लागर को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

1. ब्लाग समसामयिक उपयोगी हो।

2. ब्लाग के माध्यम मौलिक और नवीन विषयों का प्रस्तुतिकरण।

3. संस्कृति और परम्परा का प्रस्तुतिकरण।

4. साहित्यिक और यात्रा ब्लाग लिखते हुए रोचक एवं रोमांचक प्रस्तुतिकरण।

5. लोक जीवन से विलुप्त हो रहे लोक कलाओं एवं लोक भाषाओं का प्रस्तुतिकरण।

6. आदिवासी जीवन एवं संस्कृति का प्रस्तुतिकरण।

ब्लागर बनने के लिए सबसे पहले ब्लागर को अपनी रुचि का विषय क्षेत्र चुनना चाहिए। तत्पश्चात् अपने विषय क्षेत्र के सूक्ष्म से सूक्ष्म तथ्यों का अध्ययन, विश्लेषण करना चाहिए। जैसे यदि हम आदिवासियों के सम्बन्धित ब्लाग लेखन करना चाहते हैं तो सबसे पहले हमें यह देखना होगा कि हम उनके जीवन के किस पक्ष को रखना चाहते हैं फिर विषय विशेष का चयन करना चाहिए कि हम उनकी भाषा पर लिखना चाहते है या उनकी संस्कृति या उनकी शिक्षा या उनकी परम्परा और जीवन पद्धति पर लिखना चाहते है। विषय चयन के पश्चात् उस पर गंभीर अध्ययन कर नवीन, रोचक एवं रोमांचक तथ्यों का पता लगाना चाहिए। फिर उसे सहज एवं संक्षेप में प्रस्तुत करना चाहिए, प्रस्तुतिकरण में चित्र एवं विडियो का यथासंभव प्रयोग करना चाहिए, जिससे हमारे विचार को लोग आसानी से समझ सकें। ब्लागिंग लेखन के निम्नलिखित चरण हैं-

विषय का चयन

विषय का गंभीर अध्ययन एवं शोध

विषयानुरूप फोटोज, आडियो या विडियो का संग्रह 

प्रस्तुतिकरण



वर्तमान समय में हिन्दी में ब्लाग लेखन की नवीनतम विद्या के रूप में प्रचलित है। इसके माध्यम से नित्य नवीन ज्ञान को लोगों के सम्मुख प्रस्तुत किया जा रहा है। हिन्दी के कुछ प्रमुख ब्लाग निम्नलिखित हैं-

1. हिन्दी कुञ्ज     (www.hindikunj.com)

2. कविता कोष    (www.kavitakosh.org)

3. हिन्दी साहित्य    (www.hindisahity.org)

4. गीता कविता (www.geeta-kavita.com)

5. ज्ञानदर्पण(www.gyandarpan.com)

6.  बातें और बातें   (www.batenaurbaten.com)

पॉडकास्ट शब्द की उत्पति पॉडकास्ट दो शब्दों से मिलकर बना है - प्लेयेबल आन डिमांड ¼POD½ तथा ब्रॉडकास्ट से। बाद में इसे इंटरनेट पर अन्य साधनों जैसे वेबसाइटों, ब्लॉगों आदि पर भी प्रयोग किया जाने लगा। पॉडकास्टिंग का इतिहास पर यहाँ पर दिया जा रहा है।

पॉडकास्ट से तात्पर्य एक मीडिया संचिका से है जो कि इंटरनेट पर फीड के द्वारा प्रसारित की जाती है जिसे कि कम्प्यूटर तथा पोर्टेबल मीडिया प्लेयरों जैसे आईपॉड तथा स्मार्टफोन आदि द्वारा चलाया जा सकता है। इस प्रक्रिया को पॉडकास्टिंग कहा जाता है। पॉडकास्ट बनाने तथा प्रसारित करने वाले को पॉडकास्टर कहा जाता है।

ब्लॉग के संदर्भ में इसका सामान्य सा अर्थ है कि अपने ब्लॉग पर किसी पोस्ट में कोई मीडिया संचिका (ऑडियो/वीडियो) आदि डालना, जिसे पाठक ब्लॉग पर आकर अथवा आरएसएस फीड द्वारा देख/सुन सकें। सामान्य तौर पर ब्लॉग के मामले में चिट्ठाकार ही पॉडकास्टर होगा।

यद्यपि कई पॉडकास्टरों की वेबसाइटें मीडिया संचिका की डायरेक्ट डाउनलोडिंग या स्ट्रीमिंग भी प्रदान करती है, लेकिन पॉडकास्ट की विशेषता है कि यह ऐसे डिजिटल ऑडियो फॉर्मेटों का उपयोग करता है जो कि आरएसएस या एटम फीड का उपयोग कर विभिन्न सॉफ्टवेयरों द्वारा स्वतः डाउनलोड कर लिया जाता है।

पॉडकास्टिंग कई तरीके से की जाती है। कुछ वेबसाइटें पूरी तरह से पॉडकास्टिंग हेतु समर्पित होती है। उदाहरण के लिए इंडीकास्ट तथा पॉडभारती आदि। कुछ साइटों पर पॉडकास्टिंग के लिए सेक्शन निर्धारित होते हैं जैसे तरकश पर पॉडकास्ट सेक्शन। जहाँ तक चिट्ठों का सवाल है हिन्दी में पॉडकास्ट का अधिक चलन न होने से ऐसा कोई चिट्ठा नहीं है जो पूरी तरह पॉडकास्ट हो। विभिन्न चिट्ठों पर यदाकदा चिट्ठाकार पॉडकास्ट डाल देते हैं।

पॉडकास्टिंग कैसे करें:

इस लेख में हम फिलहाल केवल ब्लॉग के संदर्भ में बात करेंगे। पॉडकास्टिंग हेतु तीन चरण हैं। मीडिया (ऑडियो/वीडियो) को रिकॉर्ड करना। यद्यपि इस काम के लिए कई टूल उपलब्ध हैं लेकिन Audacity मुफ्त और सर्वश्रेष्ठ टूल है। Audacity के प्रयोग द्वारा पॉडकास्ट रिकॉर्ड करने की पूरी प्रक्रिया सचित्र यहाँ पर दी गई है। मीडिया को वैब पर अपलोड करना। यदि आपके पास अपना वैबस्पेस है तो आप वहाँ भी मीडिया संचिका को अपलोड कर सकते हैं अन्यथा इंटरनेट पर मुफ्त उपलब्ध सेवाओं का प्रयोग कर सकते हैं। ध्यान दें कि वह सेवा आपको मीडिया संचिका का डायरेक्ट लिंक देती हो। यद्यपि वैब पर इस तरह की कई मुफ्त सेवाएं हैं, लेकिन  Internet Archiveउनमें सर्वश्रेष्ठ है। यदि आपके पास अपना वैबस्पेस है तब भी आपको अपना पॉडकास्ट किसी बाहरी सर्वर पर होस्ट करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह सर्वर पर काफी लोड डालता है। ब्लॉग पोस्ट में मीडिया संचिका को संलग्न     ¼Embedded½  प्लेयर द्वारा चलाने की सुविधा देना। यदि आप ब्लॉगर का प्रयोग करते हैं तो पिकल प्लेयर का प्रयोग सरलतम रहेगा। वर्डप्रैस में भी पिकल प्लेयर का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए बेहतर  Audio Player उपलब्ध है। वैकल्पिक रूप से मीडिया संचिका का डाउनलोड लिंक भी दिया जा सकता है ताकि धीमे इंटरनेट कनेक्शन वाले प्रयोगकर्ता उसे डाउनलोड कर चला सकें।








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